Sarvjeet Kumar Singh
ज़िंदगी है
मुक़म्मल सारी ख्वाहिशों की,
अरदास ज़िंदगी है।
ओस की बूंदों को रोशिनी की,
प्यास ज़िंदगी है।
नज़रों की सबाहत तेरी,
ख़ास ज़िंदगी है।
इशारों को उसके आशिक़ की,
तलाश ज़िंदगी है।
क़ामिल मेरी हसरतें,
तेरे साथ होंगी माएली,
आज से तेरे साँसों के,
पास ज़िंदगी है।
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