दिल का मौसम

वक़्त बदला,
अंदाज़ बदला ।
चाहने का तुझको,
लिहाज़ बदला ।

कभी कायल था तेरी,
मैं हर अदा का ।
आज मोहताज़ हूँ तेरी,
बस एक वफ़ा का ।

ज़माना बदला,
रिश्ते बदले,
बदल गए हर्ष और गम ।
पर बदल सका न
तेरे लिए,
अपने दिल का मौसम ।

न बदला दिल का मौसम,
पर तू बदल गया राही ।
पर प्यार तो तुझसे कल भी था,
और आज भी है माही ।



No comments:

Post a Comment