गुज़ारिश करूँ या दुआ तेरी मांगू,
या सजदों में अपनी मैं खुद को बिछा दूं ।
तम्मना-ए-हज़रत मैं नज़रों में रखकर,
हर दर की देहलीज पर तुझको लिखवा दूं ।
इज़हार मेरे लब कभी खुद ही करेंगे,
इशारों में तुझको तबतक इजाज़त बता दूं ।
या सजदों में अपनी मैं खुद को बिछा दूं ।
तम्मना-ए-हज़रत मैं नज़रों में रखकर,
हर दर की देहलीज पर तुझको लिखवा दूं ।
इज़हार मेरे लब कभी खुद ही करेंगे,
इशारों में तुझको तबतक इजाज़त बता दूं ।
No comments:
Post a Comment