Sarvjeet Kumar Singh
इशारा एक मिल जाता
इशारा एक मिल जाता, इज़हार सर-ए-आम कर देते ।
मोहलत और मिल जाती, खुद को तेरे नाम कर देते ।
ज़माने भर में काफीर तू ही एक मुझको मिला मौला,
कहता एक बारी जो तू, जान तक क़ुर्बान कर देते ।
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