मेरे सपनों में एक सपना
तेरा भी था
मगर अब वो मंजिल ही क्या
जिसे तेरे संग न पा सकूँ ।
वक़्त बदलते ही ज़माना बदल गया,
दूरियों से अपना याराना बदल गया ।
अब तेरी कोई याद भी नहीं आती
जिसको फिर से भुला सकूँ ।
बस एक गुज़ारिश है "सर्व"
मेरे अब इतने पास न आना
जिससे दूर न सकूँ ।
तेरा भी था
मगर अब वो मंजिल ही क्या
जिसे तेरे संग न पा सकूँ ।
वक़्त बदलते ही ज़माना बदल गया,
दूरियों से अपना याराना बदल गया ।
अब तेरी कोई याद भी नहीं आती
जिसको फिर से भुला सकूँ ।
बस एक गुज़ारिश है "सर्व"
मेरे अब इतने पास न आना
जिससे दूर न सकूँ ।
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