उम्र बे-वक़्त गुजरेगी, सज़ा मैं तब भी मागूंगा ।
तेरे सजदे में रहने की, दुआ मैं तब भी मागूंगा ।
सुना है लाख लोगों से, मोहब्बत जाम है कातिल,
हलक़ तक गर जान होगी, तुझे मैं तब भी मागूंगा ।
तेरे सजदे में रहने की, दुआ मैं तब भी मागूंगा ।
सुना है लाख लोगों से, मोहब्बत जाम है कातिल,
हलक़ तक गर जान होगी, तुझे मैं तब भी मागूंगा ।
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