राज-नीति

क्या सच क्या झूठ? कौन ढोंगी, और किसकी लूट? सवा सेर हैं कौन यहाँ पर, गीदड़ में किसका रूप । बड़े-बड़े और छोटे-छोटे, सब पर एक ही भूत । राजनीति का खुला है दलदल, जा तू भी उसी में कूद...

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