Sarvjeet Kumar Singh
सपने
हुक़ूमत हक़ीक़त पर की जाती है ।
सपने तो बनते ही हैं "सर्व" टूट जाने के लिए ।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment